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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 चित्रकला - भारतीय वास्तुकला का इतिहास-II

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2804
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 चित्रकला - भारतीय वास्तुकला का इतिहास-II - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- शाहजहाँ के चित्रों को पाश्चात्य प्रभाव ने किस प्रकार प्रभावित किया?

सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. शाहजहाँ कालीन चित्रों का विषय क्या था ?
2. पाश्चात्य प्रभाव के पश्चात् इनके चित्रों में क्या अन्तर आया?

उत्तर-

जहाँगीर के समान शाहजहाँ काल में भी यूरोप से कलाकार एवं सम्मानित अधिकारी भारत में राजाओं के दरवारों में आते रहते थे। जिससे पाश्चात्य कला का प्रभाव मुगल कलाकारों पर पड़ता रहा जो मुख्य रूप से परिप्रेक्ष्य तथा छाया प्रकाश के अंकन में दिखाई देता है।

इससे आकारों में त्रि-आयामी प्रभाव उत्पन्न करने का सफल प्रयास किया गया है। तत्कालीन चित्रों में आकृतियों के पार्श्व में जो वास्तु निर्मित है उसमें काफी हद तक पाश्चात्य प्रभाव दिखाई देता है।

उसके अतिरिक्त इस काल के चित्रों में रूढ़िवादिता को भी नहीं नकारा जा सकता। दरबारी शान-शौकत के प्रस्तुतीकरण के कारण अलंकारिकता की प्रवृत्ति अधिक दिखाई देती है और विषयवस्तु के क्षेत्र में भी ऐसी घटनाओं तथा दृश्यों को चित्रित किया गया है जिसमें सम्राट के वैभव का प्रदर्शन हो सके।

इसके लिए कलाकारों ने मणियों के समान चटख रंग लगाए हैं। शाहजहाँ काल में चूंकि चित्र की अपेक्षा कलाकारों की रूचि वास्तुकला में थी अतः चित्रो की संख्या कम ही रही।

विषयों की सीमितता के कारण पशु-पक्षियों का स्वतन्त्र चित्रण भी नहीं मिलता। परन्तु शाहजहाँ द्वारा फारसी तथा हिन्दी के काव्य तथा संगीत जगत में प्रस्तुत किया जाने वाला सहयोग महत्वपूर्ण है।

सुन्दर श्रृंगार के रचयिता सुन्दरदास इनके प्रिय कवि थे। मेवाड़ शैली में इस ग्रन्थ पर तब चित्रण किया गया जब शाहजहाँ मेवाड़ के राणा के पास अतिथि रूप में गए थे। इसके अतिरिक्त चिन्तामणि, देवदत्त, जगन्नाथ आदि ने भी शाहजहाँ के साथ कार्य किया ।

जगन्नाथ ने 'रस गंगाधर' नामक ग्रन्थ की रचना की जिसकी प्रेरणा उसे एक मुस्लिम स्त्री के प्रेम से मिली। इन्होंने बहुत समय तक शाहजहाँ के दरबार में सम्मान प्राप्त किया।

अपने पूर्वजों के समान शाहजहाँ को भी शिकार का शौक था। शाहजहाँ नामा से ही सम्बन्धित एक अन्य चित्र में स्वर्ण मुद्राओं द्वारा सम्राट को तराजू पर तोला जा रहा है। शाही वस्त्रों में सुसज्जित अनेक दरबारियों का चित्रण कारपेट का आलेखन वास्तु को सज्जा स्वर्ण का प्रयोग आदि सभी भव्य वैभव को प्रस्तुत करने में सहायक है।

इस काल में खुसरू - शिरोन लैला-मजनू, रूपमति-वाज बहादुर आदि के प्रेम-प्रसंगों को भी चित्रित किया गया है। इसी संदर्भ में एक प्रमुख चित्र बाज वहादुर एण्ड रूपमति राइडिंग वाई नाइट' है जो लगभग 1650 ई० का है।

इस चित्र में सलेटी रंग से एक नदी का चित्रण है जिसके किनारे मध्यभूमि में दो घोड़ों पर अलग-अलग बाज बहादुर ओर रूपमति सुन्दर वस्त्रों तथा आभूषणों से सुसज्जित दर्शाए गए हैं। घोड़ों के नीचे का भाग छोटे-छोटे टीलों के पीछे छिपा है।

पृष्ठभूमि में वृक्षों के झुंड हैं। सम्भवतः रात्रि का दृश्य है परन्तु घोड़ों, बाज बहादुर तथा रानी रूपमति में चटख रंग योजना है क्योंकि यही चित्र का मुख्य विषय है। इसी के साथ-साथ वस्त्रों तथा आभूषणों में स्वर्ण का प्रयोग भी चित्र में अतिरिक्त चमक उत्पन्न कर रहा है।

जैसा कि यह सर्वविदित है कि मुगल सम्राटों के आश्रय (हरम) में बहुत सी स्त्रियाँ रहती थीं जो हर प्रकार से सम्राट की सेवा करती थी। प्रत्येक वर्ष सम्राट दरबार में अष्टदिवसीय मेले का आयोजन करते थे जिसमें स्त्रियों के अतिरिक्त कोई नहीं जा सकता था।

दरबार में नृत्य संगीत के आनन्दोत्सव होते थे जिनमें नर्तकियों को बहमुल्य पुरस्कार प्रदान किए जाते थे। इसके अतिरिक्त शाहजहाँ की एक प्रमुख रूचि हाथियों के युद्ध को देखने की भी थी। शाहजहाँ किसी खिड़की में तथा शाही स्त्रियाँ जालीदार झरोखों में बैठकर अखाड़े को देखती थी।

हाथियों के मध्य तीन फीट चौड़ी और छ: फीट ऊँची मिट्टी की दीवार बनायी जाती थी । हाथियों के ड्राइवर के पास लोहे का भाला होता था। दोनों हाथी एक दूसरे पर प्रहार करते, मिट्टी की दीवार टूट जाती और शक्तिशाली हाथी दूसरे हाथी को हरा देता युद्ध इतना भयावह रूप ले लेता कि अग्नि जला कर उसे शान्त किया जा। इस प्रकार के दृश्यों के कई चित्र शाहजहाँ काल में चित्रकारों द्वारा कुशलता पूर्वक आँके गए।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- पाल शैली पर एक निबन्धात्मक लेख लिखिए।
  2. प्रश्न- पाल शैली के मूर्तिकला, चित्रकला तथा स्थापत्य कला के बारे में आप क्या जानते है?
  3. प्रश्न- पाल शैली की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालिए।
  4. प्रश्न- पाल शैली के चित्रों की विशेषताएँ लिखिए।
  5. प्रश्न- अपभ्रंश चित्रकला के नामकरण तथा शैली की पूर्ण विवेचना कीजिए।
  6. प्रश्न- पाल चित्र-शैली को संक्षेप में लिखिए।
  7. प्रश्न- बीकानेर स्कूल के बारे में आप क्या जानते हैं?
  8. प्रश्न- बीकानेर चित्रकला शैली किससे संबंधित है?
  9. प्रश्न- बूँदी शैली के चित्रों की विशेषताओं की सचित्र व्याख्या कीजिए।
  10. प्रश्न- राजपूत चित्र - शैली पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
  11. प्रश्न- बूँदी कोटा स्कूल ऑफ मिनिएचर पेंटिंग क्या है?
  12. प्रश्न- बूँदी शैली के चित्रों की विशेषताएँ लिखिये।
  13. प्रश्न- बूँदी कला पर टिप्पणी लिखिए।
  14. प्रश्न- बूँदी कला का परिचय दीजिए।
  15. प्रश्न- राजस्थानी शैली के विकास क्रम की चर्चा कीजिए।
  16. प्रश्न- राजस्थानी शैली की विषयवस्तु क्या थी?
  17. प्रश्न- राजस्थानी शैली के चित्रों की विशेषताएँ क्या थीं?
  18. प्रश्न- राजस्थानी शैली के प्रमुख बिंदु एवं केन्द्र कौन-से हैं ?
  19. प्रश्न- राजस्थानी उपशैलियाँ कौन-सी हैं ?
  20. प्रश्न- किशनगढ़ शैली पर निबन्धात्मक लेख लिखिए।
  21. प्रश्न- किशनगढ़ शैली के विकास एवं पृष्ठ भूमि के विषय में आप क्या जानते हैं?
  22. प्रश्न- 16वीं से 17वीं सदी के चित्रों में किस शैली का प्रभाव था ?
  23. प्रश्न- जयपुर शैली की विषय-वस्तु बतलाइए।
  24. प्रश्न- मेवाड़ चित्र शैली के उद्भव एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
  25. प्रश्न- किशनगढ़ चित्रकला का परिचय दीजिए।
  26. प्रश्न- किशनगढ़ शैली की विशेषताएँ संक्षेप में लिखिए।
  27. प्रश्न- मेवाड़ स्कूल ऑफ पेंटिंग पर एक लेख लिखिए।
  28. प्रश्न- मेवाड़ शैली के प्रसिद्ध चित्र कौन से हैं?
  29. प्रश्न- मेवाड़ी चित्रों का मुख्य विषय क्या था?
  30. प्रश्न- मेवाड़ चित्र शैली की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए ।
  31. प्रश्न- मेवाड़ एवं मारवाड़ शैली के मुख्य चित्र कौन-से है?
  32. प्रश्न- अकबर के शासनकाल में चित्रकारी तथा कला की क्या दशा थी?
  33. प्रश्न- जहाँगीर प्रकृति प्रेमी था' इस कथन को सिद्ध करते हुए उत्तर दीजिए।
  34. प्रश्न- शाहजहाँकालीन कला के चित्र मुख्यतः किस प्रकार के थे?
  35. प्रश्न- शाहजहाँ के चित्रों को पाश्चात्य प्रभाव ने किस प्रकार प्रभावित किया?
  36. प्रश्न- जहाँगीर की चित्रकला शैली की विशेषताएँ लिखिए।
  37. प्रश्न- शाहजहाँ कालीन चित्रकला मुगल शैली पर प्रकाश डालिए।
  38. प्रश्न- अकबरकालीन वास्तुकला के विषय में आप क्या जानते है?
  39. प्रश्न- जहाँगीर के चित्रों पर पड़ने वाले पाश्चात्य प्रभाव की चर्चा कीजिए ।
  40. प्रश्न- मुगल शैली के विकास पर एक टिप्पणी लिखिए।
  41. प्रश्न- अकबर और उसकी चित्रकला के बारे में आप क्या जानते हैं?
  42. प्रश्न- मुगल चित्रकला शैली के सम्बन्ध में संक्षेप में लिखिए।
  43. प्रश्न- जहाँगीर कालीन चित्रों को विशेषताएं बतलाइए।
  44. प्रश्न- अकबरकालीन मुगल शैली की विशेषताएँ क्या थीं?
  45. प्रश्न- बहसोली चित्रों की मुख्य विषय-वस्तु क्या थी?
  46. प्रश्न- बसोहली शैली का विस्तार पूर्वक वर्णन कीजिए।
  47. प्रश्न- काँगड़ा की चित्र शैली के बारे में क्या जानते हो? इसकी विषय-वस्तु पर प्रकाश डालिए।
  48. प्रश्न- काँगड़ा शैली के विषय में आप क्या जानते हैं?
  49. प्रश्न- बहसोली शैली के इतिहास पर प्रकाश डालिए।
  50. प्रश्न- बहसोली शैली के लघु चित्रों के विषय में आप क्या जानते हैं?
  51. प्रश्न- बसोहली चित्रकला पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
  52. प्रश्न- बहसोली शैली की चित्रगत विशेषताएँ लिखिए।
  53. प्रश्न- कांगड़ा शैली की विषय-वस्तु किस प्रकार कीं थीं?
  54. प्रश्न- गढ़वाल चित्रकला पर निबंधात्मक लेख लिखते हुए, इसकी विशेषताएँ बताइए।
  55. प्रश्न- गढ़वाल शैली की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की व्याख्या कीजिए ।
  56. प्रश्न- गढ़वाली चित्रकला शैली का विषय विन्यास क्या था ? तथा इसके प्रमुख चित्रकार कौन थे?
  57. प्रश्न- गढ़वाल शैली का उदय किस प्रकार हुआ ?
  58. प्रश्न- गढ़वाल शैली की विशेषताएँ लिखिये।
  59. प्रश्न- तंजावुर के मन्दिरों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालिए।
  60. प्रश्न- तंजापुर पेंटिंग का परिचय दीजिए।
  61. प्रश्न- तंजावुर पेंटिंग की शैली किस प्रकार की थी?
  62. प्रश्न- तंजावुर कलाकारों का परिचय दीजिए तथा इस शैली पर किसका प्रभाव पड़ा?
  63. प्रश्न- तंजावुर पेंटिंग कहाँ से संबंधित है?
  64. प्रश्न- आधुनिक समय में तंजावुर पेंटिंग का क्या स्वरूप है?
  65. प्रश्न- लघु चित्रकला की तंजावुर शैली पर एक लेख लिखिए।

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